भगवद्गीता में साफ़ कहा गया है – “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।” यानी, तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फल में कभी नहीं। जब आप वशीकरण का प्रयोग किसी की इच्छा के विरुद्ध उसे नियंत्रित करने के लिए करते हैं, तो आप एक बहुत भारी नकारात्मक कर्म का निर्माण https://www.instagram.com/p/DLfYV2IsRZe/
The Greatest Guide To Meditation Techniques
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